ग्राम दोंदेखुर्द में दिनांक 25 मई रविवार को एक भव्य विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से पधारे सुप्रसिद्ध कवियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत परम् पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की पूजा-अर्चना और आरती से हुई। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्पहार एवं श्रीफल भेंट कर किया गया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवि पुरुषोत्तम गुप्ता द्वारा मां शारदे की वंदना से हुआ। इसके पश्चात बेमेतरा से पधारे गीतकार आशीष बघेल "जागृति" ने अपने श्रृंगारिक गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया। नांदघाट सिमगा से आए हास्य कवि कृष्णा सेन "भारतीय" ने अपनी चुटीली हास्य कविताओं से दर्शकों को हँसा-हँसा कर लोटपोट कर दिया। बसना से डीजेन्द्र कुर्रे "कोहिनूर" ने श्रृंगार रस एवं ओजपूर्ण रचनाओं की प्रभावशाली प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय गीतकार रमेश विश्वहार ने अपनी लोकप्रिय रचना "हम तो ममा अन भगवान राम के" सहित छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। रायपुर से पधारे ओज कवि आदित्य बर्मन "आज़ाद" ने अपनी ओजस्वी कविताओं से श्रोताओं में वीर रस का संचार किया।
पतरापाली से आए पुरुषोत्तम गुप्ता की हास्य पैरोडी ने फिर से हँसी की बौछार कर दी। आयोजन के संयोजक व ग्राम दोंदेखुर्द के युवा कवि पुष्पराज देवहरे "भारतवासी" ने अपनी प्रेरक कविता "छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ के कइसे दिन आवाथे, छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़िया गोठियाए म लजावाथे" से लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
खरसिया से पधारी सुप्रसिद्ध श्रृंगार कवयित्री प्रियंका "प्रिया" ने अपने मधुर गीतों एवं प्रभावी मंच संचालन से सभी दर्शकों की तालियाँ और वाहवाही बटोरी। उनकी रचना "रात से कहना भोर न करें" विशेष रूप से सबको पसंद आई।
इस विराट कवि सम्मेलन में ग्राम दोंदेखुर्द के सरपंच श्री अशोक साहू जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस आयोजन का सफल संयोजन पुष्पराज देवहरे जी द्वारा किया गया जिसमें लक्मण भीफोर, संदीप भारती, पोषण रात्रे, रूपदास रात्रे, तुलेश्वर साहू, लखन वर्मा सहित समस्त ग्रामवासियों का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम में आरंभ से अंत तक दर्शकों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति बनी रही। गांव में यह प्रथम कवि सम्मेलन था जिसे ग्रामीणों ने अत्यंत सराहा। मुख्य अतिथि सरपंच महोदय ने भविष्य में और भी भव्य आयोजन की घोषणा कर सभी को उत्साहित किया।
आज के डिजिटल युग में इस प्रकार के साहित्यिक आयोजन समाज के लिए अत्यंत प्रेरणादायक एवं सराहनीय पहल है।