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कोरबा

जिले में वर्ष 2025 की द्वितीय हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का भव्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा किया गया।


कोरबा लोक अदालत में 1 लाख 47 हजार प्ररकरणों का हुआ निराकरण


कोरबा। जिले में वर्ष 2025 की द्वितीय हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का भव्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला एवं तहसील स्तर पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से श्रीमती नीता यादव, श्री संतोष कुमार आदित्य, श्रीमती गरिमा शर्मा, डॉ. ममता भोजवानी, श्री सुनील कुमार नंदे, श्री अविनाश तिवारी, सुश्री सीमा प्रताप चंद्रा, श्री शीलू सिंह, श्री सत्यानंद प्रसाद, कु. डॉली ध्रुव, कु. कुमुदिनी गर्ग, श्री लव कुमार लहरे तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री गणेश कुलदीप एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। नेशनल लोक अदालत में कुल 4,39,245 प्रकरण सूचीबद्ध किए गए, जिनमें 6,144 न्यायालयीन और 4,33,101 प्री-लिटिगेशन प्रकरण शामिल थे। इस लोक अदालत के माध्यम से कुल 1,47,872 प्रकरणों का निराकरण समझौते के आधार पर किया गया, जिसमें राजस्व, सिविल, दांडिक व मोटर यान क्षतिपूर्ति जैसे विविध प्रकरण शामिल रहे।
कटघोरा में भी हुआ न्यायिक समाधान
तालुका स्तर पर भी लोक अदालत का सफल आयोजन व्यवहार न्यायालय, कटघोरा में किया गया, जहाँ 5 खंडपीठों के माध्यम से राजीनामा योग्य प्रकरणों का निष्पादन किया गया।
न्यायिक समझौते ने लौटाया दाम्पत्य जीवन
एक विशेष प्रकरण में आवेदिका ने घरेलू हिंसा और दहेज प्रताडऩा के आरोपों के चलते भरण-पोषण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। न्यायालय की पहल और समझाइश के बाद दोनों पक्षों ने बिना किसी दबाव के राजीनामा कर, आपसी सहमति से पुन: दाम्पत्य जीवन जीने का निर्णय लिया।
दुर्घटना पीडि़ता के परिजनों को मिला 20 लाख का मुआवजा


एक अन्य महत्वपूर्ण मामले में 28 मई 2024 को बस दुर्घटना में मृत महिला के परिजनों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ?20 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया गया। यह निर्णय सुश्री सीमा प्रताप चंद्रा की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ द्वारा सुनाया गया। बीमा कंपनी ने 30 दिनों के भीतर राशि अदा करने पर सहमति व्यक्त की।
‘न्याय आपके द्वार’ को साकार करती लोक अदालत

यह नेशनल लोक अदालत न्याय सुलभ कराने की दिशा में एक सफल और मानवीय पहल रही, जिसमें न केवल त्वरित न्याय मिला, बल्कि कई परिवारों को नए जीवन की राह भी मिली।। जिले में वर्ष 2025 की द्वितीय हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का भव्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला एवं तहसील स्तर पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से श्रीमती नीता यादव, श्री संतोष कुमार आदित्य, श्रीमती गरिमा शर्मा, डॉ. ममता भोजवानी, श्री सुनील कुमार नंदे, श्री अविनाश तिवारी, सुश्री सीमा प्रताप चंद्रा, श्री शीलू सिंह, श्री सत्यानंद प्रसाद, कु. डॉली ध्रुव, कु. कुमुदिनी गर्ग, श्री लव कुमार लहरे तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री गणेश कुलदीप एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। नेशनल लोक अदालत में कुल 4,39,245 प्रकरण सूचीबद्ध किए गए, जिनमें 6,144 न्यायालयीन और 4,33,101 प्री-लिटिगेशन प्रकरण शामिल थे। इस लोक अदालत के माध्यम से कुल 1,47,872 प्रकरणों का निराकरण समझौते के आधार पर किया गया, जिसमें राजस्व, सिविल, दांडिक व मोटर यान क्षतिपूर्ति जैसे विविध प्रकरण शामिल रहे।

कटघोरा में भी हुआ न्यायिक समाधान
तालुका स्तर पर भी लोक अदालत का सफल आयोजन व्यवहार न्यायालय, कटघोरा में किया गया, जहाँ 5 खंडपीठों के माध्यम से राजीनामा योग्य प्रकरणों का निष्पादन किया गया।
न्यायिक समझौते ने लौटाया दाम्पत्य जीवन
एक विशेष प्रकरण में आवेदिका ने घरेलू हिंसा और दहेज प्रताडऩा के आरोपों के चलते भरण-पोषण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। न्यायालय की पहल और समझाइश के बाद दोनों पक्षों ने बिना किसी दबाव के राजीनामा कर, आपसी सहमति से पुन: दाम्पत्य जीवन जीने का निर्णय लिया।
दुर्घटना पीडि़ता के परिजनों को मिला 20 लाख का मुआवजा


एक अन्य महत्वपूर्ण मामले में 28 मई 2024 को बस दुर्घटना में मृत महिला के परिजनों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ?20 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया गया। यह निर्णय सुश्री सीमा प्रताप चंद्रा की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ द्वारा सुनाया गया। बीमा कंपनी ने 30 दिनों के भीतर राशि अदा करने पर सहमति व्यक्त की।
‘न्याय आपके द्वार’ को साकार करती लोक अदालत
यह नेशनल लोक अदालत न्याय सुलभ कराने की दिशा में एक सफल और मानवीय पहल रही, जिसमें न केवल त्वरित न्याय मिला, बल्कि कई परिवारों को नए जीवन की राह भी मिली।

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