शिक्षकों और शालाओं के युक्तियुक्तकरण को लेकर जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में प्रेस वार्ता मे किये महत्वपूर्ण पहल

शिक्षकों और शालाओं के युक्तियुक्तकरण को लेकर जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में महत्वपूर्ण पहल



बलौदाबाजार-भाटापारा। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को समावेशी और बेहतर बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम उठाया गया है। जिले की शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर प्रेसवार्ता में विस्तृत जानकारी दी गई। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
शैक्षणिक असमानता को दूर करने की पहल
राज्य में यह देखा गया है कि नगरीय क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक शिक्षक हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं। इसी असंतुलन को ठीक करने हेतु युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं वहाँ उन्हें उपलब्ध कराया जा सके।
गुणवत्ता और समता की दिशा में कदम
प्रेसवार्ता में बताया गया कि युक्तियुक्तकरण कोई कटौती नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की गुणवत्ता और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके माध्यम से ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को गणित, रसायन, भौतिकी और जीवविज्ञान जैसे विषयों में विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे।
छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार
छत्तीसगढ़ में प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 और पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में यह अनुपात 25.15 है। युक्तियुक्तकरण से यह अनुपात संतुलित होकर राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्तर पर पहुँचेगा।
एकल शिक्षकीय स्कूल होंगे समाप्त
जिले में 65 एकल शिक्षकीय प्राथमिक शालाएं हैं, जिन्हें अब दो शिक्षक वाले विद्यालयों में परिवर्तित किया जा रहा है। इसी तरह, उच्च माध्यमिक और हाई स्कूलों में भी 2-3 विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जा रही है।
राज्यव्यापी आँकड़े और जिला स्थिति
राज्य में 212 प्राथमिक शालाएं शिक्षकविहीन हैं, जबकि 6,872 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। बलौदाबाजार में 3 प्राथमिक शालाएं शिक्षकविहीन और 65 एकल शिक्षकीय हैं। पुनः पदस्थापन से इन शालाओं में भी शिक्षक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
स्कूलों का समायोजन और क्लस्टर मॉडल
राज्य में केवल 241 स्कूलों का समायोजन किया जा रहा है, जिनमें से बलौदाबाजार जिले की केवल 3 शालाएं शामिल हैं। समायोजन केवल उन्हीं स्कूलों का किया गया है जहाँ छात्र संख्या बहुत कम है और पास में बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं। क्लस्टर मॉडल के तहत एक ही परिसर में स्थित शालाओं को मिलाकर बेहतर शैक्षणिक वातावरण निर्मित किया जाएगा।
90 प्रतिशत बच्चों को लाभ
युक्तियुक्तकरण से लगभग 90% बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित होगी। विद्यालयों का एक ही स्थान पर समायोजन होने से आधारभूत संरचना और संसाधनों के उपयोग में भी सुधार आएगा।
युक्तियुक्त करण :दूरस्थ क्षेत्र के स्कूल भी शिक्षकविहीन व एकल शिक्षकीय शाला से हुए मुक्त
बलौदाबाजार, 6 जून 2025/ शिक्षा व्यवस्था क़ो बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से जिले में शिक्षकविहीन व एकल शिक्षकीय शाला अब नहीं रह गये। सभी स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता अनुसार पदस्थापना हुई है जिसका फायदा दूरस्थ क्षेत्र में स्थित स्कूलों, विद्यार्थियों और पालकों क़ो मिलेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मिडिल स्कूल बैजनाथ खपरी, पुरैना खपरी एवं हरदी उन्नयन पश्चात 2 वर्षो से शिक्षकविहीन थे जिसमें में 3-3 शिक्षकों की पदस्थापना हुई।कसडोल विकासखंड के दूरस्थ क्षेत्रो के एकल शिक्षकीय प्राथमिक विद्यालय औराई, डाढाखार, भिम्भोरी, बफरा, फुरफुंदी, मानदीप, तालदादर,देवरुंग, गोलाझऱ, बरपानी, बकला, अचानकपुर, हरदी, चन्हाट, सरायपाली तथा भाटापारा विकासखंड के रमदैया, चांदली, में दर्ज संख्या के आधार पर 1-1 अतिरिक्त शिक्षक पदस्थ किया गया है।
इसीप्रकार उन्नयन पश्चात 5 वर्षो से एकल शिक्षकीय हाई स्कूल देवगांव, बड़गांव एवं मरदा में 2 से 3 व्याख्याताओं का पदांकन किया गया है।
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
प्रशासन और शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित न हो। यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के अनुरूप की जा रही है।