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पत्रकार ऋषि कुमार
जिला बलौदा बाजार भाटापारा/
ब्लॉक पलारी
सरकार ने बदले नरेगा बैलेंस के सारे नियम
ग्रामीण इलाक़े में लोगों को एक साल में कम से कम 100 दिन का काम मिलता है। काम करने के बाद उन्हें भुगतान मिलता है और उनके बैंक खातों में पैसा डाला जाता है। इससे बेरोजगारी कम करने में मदद मिलती है। यह योजना 2006 में शुरू हुई और अभी भी मजबूत चल रही है।
कभी-कभी कलाकारों को समय पर पैसा नहीं मिलता है या घोटालों के कारण उनका पैसा छीन लिया जाता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए सरकार ने 1 जनवरी 2024 से एक नया नियम बनाया है। अब एनबीएल में उनके आधार कार्ड से जुड़े बैंक के माध्यम से भुगतान करना होगा। नया यह नियम बन रहा है, सभी कम्युनिस्टों के लिए जारी किया गया है
क्यों बदला गया बदलाव
जब मनरेगा कार्यक्रम शुरू हुआ, तो दिल्ली में एनबीएस को उनके काम के लिए हर दिन भुगतान किया गया। लेकिन कुछ लोग धोखा कर प्रोग्राम से पैसे चुरा रहे थे। इसलिए सरकार ने समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए बेस बेस्ट बैलेंस सिस्टम नामक एक नया सिस्टम बनाया।
इस कार्यक्रम के लिए 25 करोड़ से अधिक लोगों ने साइन अप किया है और 14 करोड़ से अधिक लोग वर्तमान में काम कर रहे हैं। मनरेगा में कई शीट के बैंक आधार कार्ड से जुड़े नहीं हैं। इसकी वजह से 1.7 करोड़ लोग आकर्षित हैं। इस समस्या का समाधान करके श्रमिक नए आधार भुगतान प्रणाली के माध्यम से अपना भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
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मनरेगा भुगतान प्रणाली में बदलाव क्या है?
आधार सिस्टम कार्ड से जुड़े श्रमिक अपने बैंक को अपने आधार से जोड़ेंगे। फिर, उनके आधार कार्ड की जानकारी, उनके जॉब कार्ड से जोड़ा जाएगा। जिन खातों के पास अभी तक बैंक खाता नहीं है, वे खोलेंगे। इसके बाद एक विशेष ऐप पर उनकी उपस्थिति का पता लगाया जाएगा और उन्हें समय पर भुगतान करना होगा।
सिस्टम को क्यों बदला गया
लगभग 34.8% लोगों के पास जॉब कार्ड हैं, उन्हें स्वस्थ माना जाता है क्योंकि उनका नाम आधार कार्ड और जॉब कार्ड महत्वपूर्ण पर महत्वपूर्ण होते हैं। हालाँकि, उनके स्पेक्ट्रम में कुछ गलतियाँ थीं जिनमें ठीक करने की आवश्यकता थी। अब आधार पैरामीटर सिस्टम का नाम से एक नया आधार सिस्टम शुरू हो जाएगा।
यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि भुगतान सही व्यक्ति के टिकट में हो और यह सहायक एवं स्पष्ट हो। इससे जुड़े बंधकों को बंधक बनाने से लेकर पासपोर्ट प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इस तरीके से श्रमिक को अपना बैंक खाता नंबर अपडेट करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि पैसा सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में चला जाएगा।