डेबिट क्रेडिट का खेला करने वाले बैंक पर चला उपभोक्ता आयोग का चाबुक-----
काँकेर । बैंकिंग सेवाओं में लापरवाही तथा लोगों को अपने ही पैसे के लिए दिन भर घुमाने और लोन पाने के लिए महीनों चक्कर खिलाने के लिए अब तक तो एक विशेष बैंक ही बदनाम था, अब अन्य बैंक भी उसी के चरणचिन्हों पर चलते नज़र आ रहे हैं। इनमें उल्लेखनीय नाम है एचडीएफसी बैंक का ,जहां अन्नपूर्णा पारा कांकेर की योगिता नाग पिता घनश्याम ने अपने सेविंग बैंक खाते में 47000/ से अधिक की रकम रखी हुई थी, जिसके अंदर कई प्रकार के डेबिट क्रेडिट करके बैंक ने 15100/ दबा दिए ,जिसे वापस पाने में उपभोक्ता योगिता को लंबे समय तक चप्पल घिसनी पड़ी ,तब कहीं जाकर बैंक ने अपनी गलती मानते हुए
15 100/ रुपए खाते में जमा करने की सूचना दे दी और प्रकरण समाप्त मान लिया गया लेकिन कुछ ही समय बाद फिर बैंक ने डेबिट क्रेडिट का चक्कर व्यक्तिगत ऋण पर्सनल लोन की किश्त के नाम पर चला दिया और फिर एक बार बिना किसी सूचना के 15100/ दबा दिए । इस चक्कर से परेशान हो कर योगिता नाग ने उपभोक्ता आयोग की शरण ली, जहां अध्यक्ष माननीय सुजाता जसवाल तथा सदस्य माननीय डाकेश्वर सोनी जी ने अपने महत्वपूर्ण फ़ैसले में बैंक की मनमानी को उजागर करते हुए 24 6 2024 को आदेश दिया कि 15100/- उपभोक्ता योगिता नाग को एक माह के अंदर वापस किया जाए तथा इसमें विलंब होने पर ₹100/ प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरा जाए । इसके अलावा मानसिक प्रताड़ना का मुआवजा ₹5000/ तथा मुक़दमे का व्यय ₹3000/ भी उपभोक्ता को प्रदान करें। आशा की जाती है कि अपने ग्राहकों के खाते के साथ डेबिट क्रेडिट का खिलवाड़ करने वाले बैंकों के लिए यह फ़ैसला एक तगड़ा सबक साबित होगा। आम जनता द्वारा उपभोक्ता आयोग के इस फ़ैसले की प्रशंसा की जा रही है तथा उपभोक्ता आयोग एक विश्वस्त न्यायप्रिय संस्था के रूप में पहचानी जाने लगी है।