जेडी के आदेश पर भारी पड़े लोक शिक्षण संचालक, दिनेश शर्मा को मिला आरंग बीईओ का प्रभार
बता दें कि शासन के स्पष्ट आदेश है, जिसमें भर्ती नियम के अनुसार बीईओ के 25% पदों को सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पदोन्नति से भरा जाना है। “फीडिंग कैडर” (सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी) में पात्र अभ्यर्थी न होने की स्थिति में न्यूनतम 5 वर्ष के अनुभवी वरिष्ठ प्राचार्य को पदस्थ किए जाएंगे। बाकी 75% पदों को कम से कम 5 वर्ष के अनुभव रखने वाले प्राचार्य से भरे जाएंगे। इस प्रकार जिनका मूल पद व्याख्याता है वे नियमानुसार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की पात्रता नहीं रखते। इन सभी बातों का उल्लेख शासन आदेश एवं “छत्तीसगढ़ राजपत्र 2019 स्कूल शिक्षा विभाग” में किया गया है।
इसके बावजूद व्याख्याता को आरंग का बीईओ बनाया जाना अधिकारी के स्वेच्छाचारित एवं नियमों की जानकारी के अभाव को दर्शाता है। जहां एक तरफ स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार का आदेश छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा था, जिसे समय रहते लोक शिक्षण संचालनालय ने संभाल लिया। बता दें कि पूर्व में आरंग के सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी रहे दिनेश शर्मा को आरंग विकासखंड का लंबा अनुभव रहा है। लंबे समय से भ्रष्टाचार, बदहाल शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की कमी से जूझ रहे आरंग विकासखंड में शिक्षा का स्तर सुधारना और पारदर्शिता लाना नए बीईओ दिनेश शर्मा के लिए बड़ी चुनौती होगी।