आखिर ऐसे कैसे- फाइल मे पूर्ण लेकिन धरातल मे रोड गायब
जनदर्शन मे चार माह से शिकायत लंबित
सृजन भूमि छत्तीसगढ़ - बलौदाबाजार।
जनदर्शन कार्यक्रम मे जनता अपनी शिकायतें रखती है। इन शिकायतों की प्रभावी निगरानी और निवारण के लिए जनदर्शन की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत है। जनता के लिए प्रदेश के समस्त जिलों में जनदर्शन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।जिसमे मे जिले के कलेक्टर द्वारा निर्धारित दिन मे जिले के जनता के समस्यायों को सुनते है और निवारण के लिए अधिकारीयों को निर्देश देते है साथ ही साथ सप्ताह मे एक दिन जिले के समस्त विभागों के समीक्षा बैठक लेकर विभाग के कामकाजो का स्थिति जानते है साथ ही साथ विभाग मे शिकायतों के जांच का भी समीक्षा करते है और अविलम्ब निराकरण करने को निर्देशित करते है जनदर्शन कार्यक्रमों से सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है, जिससे लोगो का शासन पर विस्वास मजबूत होता है। जनदर्शन कार्यक्रम नागरिकों को सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपनी आवाज उठाने का मंच मिलता है। जनदर्शन कार्यक्रम अक्सर उन मुद्दों का समाधान खोजने में मदद करता है,जिनका सामना लोग कर रहे होते है।किन्तु साप्ताहिक समीक्षा एवं जनदर्शन होने के बौजूद आवेदन चार चार माह तक लंबित होना जनदर्शन जैसे कार्यक्रमो पर जनता के मन मे सवाल खड़े कर रहे है जो कि विभाग एवं प्रशासनिक छवि पर नकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास प्रतीत होता है जिसके जिम्मेदार सम्बंधित विभाग के अधिकारी है यह कहना कोई मिथ्या एवं अतिश्ययोक्ति नहीं होना प्रदर्शित होता है।
जानिए कहाँ का मामला
जिले मे पलारी जनपद के ग्राम पंचायत सोनारदेवरी मे निर्माण कार्य मे घोर लापरवाही बरती गयी है। जहाँ पर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम धौराभाटा मे प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत कराये गए विभिन्न निर्माण कार्यों मे अनियमितता बरती गयी है। 5 लाख रूपये की लागत राशि से धौराभाटा मे मेन रोड से तालाब तक सीसी रोड बनना था चुकि उक्त रोड इंजीनियर के माप पुस्तिका के हिसाब से वहाँ निर्माण क़र दिया गया है और उसे एसडीओ आरईएस तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी पलारी द्वारा प्रमाणित भी किया जा चूका है किन्तु धरातल मे मेनरोड से तालाब तक बड़े बड़े गड्ढे व कीचड़ भरा हुआ है। उसके साथ ही बोर खनन व स्ट्रीट लाइट इत्यादि मे भी जनप्रतिनिधि द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी है। उक्त भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन मे हो चुकि है जिस पर शिकायत हुए ढाई महीना बीत गया किन्तु अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाही नहीं हुई है।
गांव के विकास के लिए शासन द्वारा लाखों रुपये ग्राम पंचायतों के माध्यम से खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सरपंच-सचिव इस राशि से गांव का विकास न करते हुए खुद का विकास कर रहे हैं। जिले में कई ऐसी ग्राम पंचायत हैं जहां सरपंच-सचिव ने बिना सीसी सड़क बनाए ही लाखों रुपये की राशि निकाल ली। ग्रामीण ने इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
विकास कार्य के आड़ में सरकारी पैसों की कैसे हेराफेरी की जाती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ग्राम पंचायत सोनार देवरी के धौराभाटा में कराया गया सीसी रोड निर्माण है। सरपंच सचिव ने चबूतरा निर्माण की आड़ में केंद्रीय मद का जमकर दुरुपयोग किया है। जिसके विरोध में शिकायतकर्ता ने जनदर्शन मे 27/08/2024 को लिखित आवेदन दिया था जिसमे जिला कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त आदिवासी विभागको जांच के निर्देश दिए जिस पर जांच टीम द्वारा जांच की जा चुकि है और जांच टीम ने रिपोर्ट को सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को प्रस्तुत कर भी दिया है किन्तु सहायक आयुक्त के द्वारा रिपोर्ट को कलेक्टर को प्रस्तुत ही नहीं कर रहा है जिससे कार्यवाही करीब चार माह से लंबित है सहायक आयुक्त द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया जाना और व्यस्तता का हवाला दिया जाना उनके कार्यशैली पर सवाल खड़ा प्रतीत होना दिखाई पड़ रहा है । उन्होंने जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंप सरपंच-सचिव द्वारा कराए गए सीसी रोड समेत अन्य निर्माण कार्य की जांच की मांग की है।गौरतलब है कि ग्राम पंचायत सोनार देवरी निर्माण कार्य की आड़ में शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के मामले में इन दिनों सुर्खियों में है। सरपंच-सचिव द्वारा गांव में कराए जाने वाले निर्माण कार्य की आड़ में जमकर घोटाला कर रहे है। जिसके विरोध में ग्राम पंचायत सोनार देवरी के आश्रित गाँव धौरा भाटा के ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव के विरुद्ध मोर्चा खोले है । गांव के ग्रामीण ने बताया कि विकास कार्य के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से लाखो की राशि आहरित कर लिया गया। लेकिन इस राशि से गांव में कराए गए विकास कार्य कही नजर नही आ रहे है।जनपद एवं आदिवासी विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर सरपंच सचिव ने कागजों में गांव का विकास कर दिया। विगत दिनों कागजी विकास का ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जिसमे बिना निर्माण कराए ही सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान कर दिया था।
विभाग के कार्यशैली पर सवाल उठने के डर से जांच रिपोर्ट नहीं हो रहा प्रस्तुत
जनदर्शन मे शिकायत के एक माह बाद जाँच अधिकारी विभिन्न बिन्दुओ पर जाँच हेतु ग्राम धौराभाटा 4 अक्टूबर कों पहुंचे थे। शिकायतकर्ता एवं ग्रामवासियो के समक्ष एक एक बिन्दुओ पर जाँच हुआ जिसमें निर्धारित जगह पर रोड का गायब होना पाया गया साथ ही स्ट्रीट लाइट व बोर खनन मे भी घोर अनियमितता मिली जिनको जाँच टीम द्वारा अपने नोटशीट मे लिखा गया उसके साथ ही प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत मिली अन्य कार्यों मे भी अनियमितता मिली। स्कूल समतलिकरण कार्य मे महज 8 से 10 ट्रेक्टर मुरुम डालने की बात ग्रामवासी द्वारा बताया गया।जाँच अधिकारी द्वारा तत्कालीन दिन मे जांच के दौरान रोकड़ पंजी का भी अवलोकन किया था जिसमे रोड निर्माण के राशि का बीस प्रतिशत उल्लेख मिला था बाकि के राशि के दस्तावेज कार्यालय मे संधारित ही नहीं था इस सम्बन्ध मे पंचायत सचिव को पूछा गया तो उनके द्वारा टालमटोल कर जवाब दिया और समय मांगकर रोकड़ पंजी पूर्ण कर प्रतिलिपि जमा करूंगा कहा है।
शिकायतकर्ता ने जाँच अधिकारी सहित अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाही हेतु पुनः किया शिकायत
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत हुए भ्रष्टाचार के शिकायत कों नजराना लेकर दबाने का प्रयास करने वाले जाँच अधिकारी सहित अन्य दोषियों पर उचित कार्रवाही करने हेतु शिकायतकर्ता ने पुनः कलेक्टर के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत किया है। चुकि फ़ाइल मे मेन रोड से तालाब तक 5 लाख रूपये लागत की सी सी रोड का निर्माण क़र दिया गया है किन्तु धरातल मे वहाँ पर कीचड़ व गड्ढे के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। स्पष्ट है कि सी सी रोड निर्माण के नाम पर पूरी राशि कों डकार लिया गया है। जिस पर तत्काल कार्रवाही की आवश्यकता है।
विभाग के कामो के कारण कलेक्टर सर को रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पा रहा हूँ।
संजय कुर्रे
सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग
जिला बलौदाबाजार भाटापारा