प्रेस विज्ञप्ति
तेलासीपूरी धाम मे कल 27 अप्रैल बाड़ा मुक्ति दिवस मेला का आयोजन
1 बजे से 4 बजे तक रहेगा भव्य शोभा यात्रा श्वेत ध्वज के साथ डीजे बजे मे किया जाएगा अखाड़ा प्रदर्शनी
गिधपुरी थाना पुलिस प्रशासन की रहेगी विशेष सहयोग
सूत्रों के अनुसार आपको बता दे कि प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी तेलासी पुरी धाम में मनाया जा रहा है बाड़ा मुक्ति दिवस
तेलासीपुरी धाम बाड़ा मुक्ति दिवस के अवसर पर 27 अप्रैल 2025 को आयोजित कार्यक्रम में सभी का स्वागत और अभिनंदन करता है। सतनाम धर्म के प्रवर्तक गुरुघासीदास बाबा, बाल ब्रह्मचारी गुरू अमरदास बाबा और महान प्रतापी राजा गुरू बालकदास साहेब की जय की घोषणा की गई है। साथ ही, इस अवसर पर सर्वोच्च गुरू आसकरणदास साहेब जी के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया है।
आयोजन करता गुरु घासीदास नव युवक समिति के बैनर तले सतनाम परसादी का भी आयोजन किया जायेगा रात्रि कालीन मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक सतनाम भजन द्वारका बर्मन की प्रस्तुति की जायेगी
गुरू असकरण दास जी व राजमहंत नैनदास कुर्रे जी के कुशल नेतृत्व में आन्दोलन चलाया गया, 103 सतनामी सपूतों को जेल भी जाना पड़ा तब कहीं जाकर तेलासी बाड़ा हम सतनामीयो को मिला जितने भी सतनामी सपूत जेल गए है *सभी का नाम लिखा हुआ है*
समस्त 103 सतनामी सपूतों को
27 अप्रैल तेलासी बाड़ा मुक्ति दिवस नमन जिनके बदौलत कहते तेलासी बाड़ा मुक्ति आंदोलन के जेल यात्री, सतनामी समाज के 103 धर्मवीर सिपाही -
1. गुरु आसकरण दास/गुरु उबारन दास
2. अमृत लाल/बंशीलाल
3. अशोक कुमार/फिरंगी लाल
4. अमोलदास/अंजोरदास
5. आर.डी. बांधे/भगतदास
6. आत्माराम/पंचमदास
7. आनंदी/कन्हैयादास
8. केजऊ/तुलसीदास
9. कस्तुरलाल/चन्द्रराम
10. कपूरदास/नान्दे
11. कुंजु/भोकूल
12. कल्याणदास/मून्नालाल
13. गौकरण/भौड़ास
14. गणेशराम/कुंदनदास
15. गणेशराम/भगतराम
16. गणेशराम/सुधारु
17. गेंदराम/धनवाराम
18. घनाराम/लैनदास
19. घनाराम/उदयराम
20. धासीदास/हीराराम
21. घसियादास/मारवाडी दास
22. चिन्ताराम/बल्लूराम
23. चैतराम / रुपदास
24. चंदूलाल / महराजी
25. जगमोहन / लाल धनंजय प्रसाद
26. जोघीराम / मोतिया
27. जनकराम / फैरहा
28. रा.म. जगतुदास सोनवानी / थानुदास
29. जगदीश प्रसाद / समारु
30. जीवनलाल / धनसाय
31. जेठूराम/फिरंता
32. झाडूराम / अमरु
33. तोरनलाल / जीवनलाल
34. तिजऊ / चैतूराम
35. देवशरण / पुशवा
36. दीन दयाल / घासिराम
37. दसरथलाल / बररठत
38. धरमदास / अंजोरदास
39. धरमदास / बुदु
40. धरमू / विश्राम
41. स्व. नैनदास कुर्रे/आर.एम. देवचंद
42. पुनितराम / फुंदऊराम
43. पंचु / इंदल
44. प्यारेलाल / महेश
45. पुनूदास/बिशेसर
46. पुनाराम / बरसन
47. फुलदास / अमरचंद
48. बंशीलाल / बसावन
49. बंशीलाल / जोहन
50. बोधु / सोपन
51. बलदेव / कपूरचंद
52. बिसालिक / मूंडा
53. बसावन / गुहाराम
54. बुधेलाल / मूलचंद
55. भुरवा / समोखन
56. भोलादास/सुकवा
57. भागवतदास / रामू
58. भोकलू / खोरबाहरा
59. भूलनराम / तुलाराम
60. मदनसिँह / हरप्रसाद
61. मंगल चंद / बिटठल दास
62. मनोहर लाल / बऊवा
63. मोहन लाल / तिजराम
64. मोतीलाल / रामू
65. मनीराम / हरकराम
66. मंशाराम / भोकलु
67. मेहतरु / धुरवा
68. मोहनदास / बहुआ
69. मुंजनु/रूपलाल
70. मोहन दास/ केदार नाथ
71. रामलाल / मनबोधी
72. राजकुमार / रामजी समस्त
73. रामदयाल / लतेलदास
74. रामप्रसाद / जगतराराम
75. रामदयाल / भगेला
76. रमैया / धनसाय
77. लालजी/ घोडलू
78. लटेल/रूपधर
79. लक्ष्मी प्रसाद/राम प्रसाद
80. लच्छीराम / गुडी
81. विटठल / दयाराम
82. श्याम सुंदर / कन्हैया
83. शंकरप्रसाद/रामनाथ
84. शिवप्रसाद / गौकूल
85. श्यामलाल / गंगादास
86. सागरदास / सोनदास
87. सोनूदास / गरीबदास
88. सोनूराम / पचकौड़
89. साधराम / राम
90. संतोष कुमार / केजऊराम
91. संतराम / पुनऊ
92. संतनराम / झड़ीदास
93. सुखदेव / राजाराम
94. सपुरन / विशम्भर
95. सुखीराम / बोधीराम
96. सागर / सुधेराम
97. सनत कुमार / खोरबाहरा
98. संतन दास / हरीलाल
99. स्व. रा.म. सांवलदास / नयनदास
100. सागरदास / प्रेमदास
101. हरीदास / धनुआराम
102. हीराराम / जनऊ
103. हीरामन / छेपर
बलौदाबाजार जिले के पलारी के पास सतनामी समाज का पवित्र तेलासीपुरी धाम स्थित है, जहां प्रति वर्ष गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में हजारों की संख्या में प्रदेशभर से सतनाम पंथ के श्रद्धालु पहुंते है,
*तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व* : बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि तेलासीबाड़ा में हर साल गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाता है. गुरुदर्शन मेले में हजारों की संख्या में देश प्रदेश से श्रद्धालु जुटते हैं. तेलासी गांव जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि व स्थानीय लोगों द्वारा तेलासी बाड़ा भी कहा जाता है. सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र बालक दास ने साल 1840 के करीब तेलासी बाड़ा का निर्माण किया था, जो आज भी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थित है.
*बाबा जी का सात शिक्षा है - सत्य, अहिंसा, धर्य, लगन, करूणा व मेहनत कर जीवन में समानता,स्वतंत्रता व सरलता का व्यवहार कर सतनाम के राह पर चलते हुए मानव जीवन को सार्थक करे*।
1. सतनाम पर विष्वास रखना।
2. हिंसा मत करना।
3. सात्विक भोजन करना
4. अनैतिक कार्य ना करना।
5. किसी भी प्रकार का नषा पान मत करना।
6. उच्चनिच व भेदभाव के प्रपंच में मत पड़ना।
7. स्त्री व बुजुर्गो का सदैव समान करना।